किंजल ढोलकिया

मेरी ३३ साल की बेटी है। गये कुछ दिनोंसे उसको उसकी जॉब की वजह से उसके ससुराल में कुछ प्रॉब्लेम्स फेस करना पड रहा था। हम सब उस वक्त बहोत हैरान थे। अच्छा बसा बसाया घर और उसकी तकलीफे हमें बहोत परेशान करती थी। उसी दौरान फिर मैंने सोशल मीडियापर लाईफ सीईओ के बारे में देखा। थोडा रीसर्च कर मैंने और मेरी बेटीने कुछ मोड्यूल्स लेकर काऊन्सिलिंग की तरह सुनने का सोचा। बहोत सी ऐसी बाते यह लेक्चर सीरीज सुनकर हमें रिअलाइज्ड हुई जो हमारे सामने होकर भी नजरंदाज हो रही थी। हम माँ – बेटीने लेक्चर्स के बाद मिलकर बातचीत की और हल निकाल सके। थँक्यू लाईफ सीईओ!

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